दिल्ली के प्रगति मैदान में हर वर्ष लगने वाला अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला व अन्य बड़ी प्रदर्शनी भविष्य में ग्रेटर नोएडा में लगती नजर आएंगी। दिल्ली में ट्रैफिक दिक्कत, पार्किंग के अभाव और भीड़ के चलते मेला आयोजित कराने में सरकार को परेशानी का सामना करना पड़ता है। मेले के दौरान सड़कों पर लगने वाले जाम से दिल्ली वासी और वहां नौकरी करने वालों को खासी परेशानी उठानी पड़ती है। लोगों को होने वाली दिक्कतों को देखते हुए केंद्र सरकार इसका विकल्प तलाश रही है। दिल्ली के सबसे नजदीक होने के कारण ग्रेटर नोएडा बेहतर विकल्प के रूप में उभरा है। सब कुछ ठीकठाक रहा तो अगले वर्ष प्रगति मैदान में होने वाले आयोजन ग्रेटर नोएडा में होंगे। इससे ग्रेटर नोएडा विकास के मामले में नए आयाम स्थापित करेगा और शहर की अंतरराष्ट्रीय स्तर की पहचान बनेगी।
दिल्ली का प्रगति मैदान 149 एकड़ जमीन पर बना है। इसमें हर वर्ष नवंबर में लगने वाले अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के दौरान 14 दिन तक पुलिस को जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। पार्किंग की कमी के चलते सड़कों पर लंबा जाम लग जाता है। इससे दिल्ली वासियों को परेशानी उठानी पड़ती है। उत्तर प्रदेश सरकार इसका लाभ उठाने के लिए तत्पर है। प्राधिकरण की शासन स्तर पर वार्ता हो चुकी है। प्रदेश सरकार प्राधिकरण के प्रस्ताव पर सहमति जता चुकी है। नॉलेज पार्क दो स्थित एक्सपोमार्ट को इसके विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। यहां कई अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शनी लग चुकी हैं। एक्सपो मार्ट काफी लंबे क्षेत्र में फैला है। इसके आसपास पार्किंग की भी दिक्कत नहीं है। एक्सपो मार्ट के नजदीक 30 एकड़ जमीन पर कन्वेंशन सेंटर का निर्माण किया जा रहा है। साल के अंत तक प्राधिकरण इसका निर्माण कार्य शुरू कर देगा। यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की कांफ्रेस हुआ करेंगी। एक्सपो मार्ट से मात्र 500 मीटर की दूरी पर 25 एकड़ जमीन में हेलीपोर्ट का निर्माण होना है। इसमें एक साथ कई हेलीकाप्टर उड़ान भर सकेंगे। इससे देश-विदेश से आने वाले अतिथियों को आवागमन में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
नॉलेज पार्क में भी दी जा सकती है 200 एकड़ जमीन
प्राधिकरण के पास नॉलेज पार्क चार में दो सौ एकड़ जमीन है। एक्सपोमार्ट की जगह विकल्प के तौर पर कम पड़ी तो प्राधिकरण नॉलेज पार्क में 200 एकड़ जमीन देने को तैयार है। इसका प्रस्ताव तैयार कर शासन को सौंपने की तैयारी हो रही है।
शहर को मिलेगी नई पहचान
फार्मूला वन कार रेस टै्रक के बाद ग्रेटर नोएडा की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनेगी। प्रगति मैदान के विकल्प के रूप में ग्रेटर नोएडा को चुना गया तो यहां विकास के नए आयाम स्थापित होंगे। बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक ग्रेटर नोएडा आएंगे। वह प्रस्तावित नाइट सफारी का भी लुफ्त उठा सकेंगे। यमुना एक्सप्रेस वे से होते हुए आगरा का ताजमहल देखने भी पर्यटक जाएंगे। इससे समूचे प्रदेश में राजस्व बढ़ेगा।
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प्रगति मैदान के विकल्प के तौर ग्रेटर नोएडा में अच्छी संभावना है। आयोजनों के लिए एक्सपो मार्ट में पर्याप्त जगह है। बगल में कन्वेंशन सेंटर व हेलीपोर्ट से अतिथियों को और सुविधा होगी। प्राधिकरण अपनी तरफ से कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगा।
-रमा रमन चेयरमैन व सीईओ नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण
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