संशोधित जमीन अधिग्रहण बिल को राज्यसभा से मंजूरी मिलने पर किसानों ने खुशी जाहिर की है। राज्यसभा ने बुधवार को बिल को मंजूरी दे दी थी। हालांकि, बिल को मामूली संशोधन के लिए वापस लोकसभा भेजा जाएगा। थोड़े बहुत बदलाव के बाद विधेयक को राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेज दिया जाएगा। किसानों का कहना है कि जमीन के मुआवजे की लड़ाई के लिए किसान लंबे समय से संघर्ष कर रहे थे। अंग्रेजों द्वारा बनाए गए जमीन अधिग्रहण कानून का सहारा लेकर किसानों को बेदखल किया जा रहा था। नए कानून के लागू होने के बाद सरकारों की मनमानी नहीं चलेगी। किसानों को जबरन जमीन से बेदखल नहीं किया जाएगा। जमीन अधिग्रहीत हुई तो उसका उचित मुआवजा मिलेगा।
दरअसल, जमीन अधिग्रहण की लड़ाई गौतमबुद्धनगर से पिछले 35 वर्षो से लड़ी जा रही है। जिले लगभग एक लाख 40 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि है। इसका पचास फीसद हिस्सा पहले ही अधिग्रहीत हो चुका है। जमीन पर कंकरीट की इमारत खड़ी हो चुकी है। शेष जमीन के लिए भी किसान लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी 2008 में दादरी में व उपाध्यक्ष राहुल गांधी गत वर्ष भट्टा पारसौल में किसानों से जमीन अधिग्रहण बिल में बदलाव का वादा करके गए थे। लोकसभा के बाद राज्य सभा से भी संशोधित बिल को मंजूरी मिल चुकी है। नए कानून के तहत अब किसानों की उपजाऊ भूमि का सिर्फ पांच फीसद हिस्सा ही अधिग्रहीत किया जा सकेगा। गांवों के किसानों को अधिग्रहीत जमीन का सर्किल रेट का चार गुणा व शहरी क्षेत्र में सर्किल रेट का दो गुणा मुआवजा मिलेगा। पुनर्वास नीति भी बना दी गई है। किसान इससे बेहद खुश है।
अंग्रेजों के बनाए जमीन अधिग्रहण कानून में संशोधन के लिए किसानों के साथ मिलकर लंबी लड़ाई लड़ी। उसका परिणाम आ चुका है। सरकारें बिल्डरों के साथ मिलकर अब जबरन अधिग्रहण नहीं कर सकेंगी। किसानों को उनकी जमीन का उचित मुआवजा मिलेगा। इससे किसान खुशहाल होगा।
दुष्यंत नागर, किसान नेता, ग्रेटर नोएडा वेस्ट।
जमीन अधिग्रहण बिल में संशोधन के बाद किसानों को उचित मुआवजा मिलने का रास्ता साफ हो चुका है। इससे सरकार और बिल्डरों की मनमानी पर रोक लगेगी। कांग्रेस ने किसानों से किया वादा पूरा कर दिया।
अजय चौधरी, सदस्य, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी।
नया बिल बनने के बाद अब कोई भी सरकार किसान की मर्जी के बिना जमीन नहीं ले सकती। इसके लिए लंबी लड़ाई लड़ी गई। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों से किया वादा पूरा कर दिया। किसान अब अपनी जमीन का उचित मुआवजा पा सकेंगे।
वीरेंद्र सिंह गड्डू, समन्वयक कांग्रेस
राज्यसभा से संशोधित जमीन अधिग्रहण को मंजूरी मिलने से किसानों को अब उचित मुआवजा मिल सकेगा। किसान बिल के पास होने से खुश हैं।
अजय भाटी, ग्राम प्रधान, बिसरख
नए काननू के बनने से राज्य सरकार जबरन किसानों की जमीन नहीं छीन पाएंगी। लोकसभा और राज्यसभा के फैसले से किसानों को बड़ी राहत मिली है।
अजय, ग्राम प्रधान, रोजा याकूबपुर
संशोधित जमीन अधिग्रहण कानून किसानों के हितों की रक्षा करेगा। अब औने-पौने दामों पर जमीन अधिग्रहीत नहीं होगी। इससे किसान बर्बाद होने से बच जाएंगे।
टीकम यादव, किसान, पतवाड़ी।
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