अंतरराष्ट्रीय रसूख के अर्थशास्त्री और वित्त मंत्रालय के प्रमुख आर्थिक सलाहकार रघुराम राजन ने बुधवार को डी सुब्बाराव से भारतीय रिजर्व बैंक के नए गवर्नर का पदभार संभाल लिया। इस दिन सुब्बाराव का कार्यकाल समाप्त हो गया। रघुराम गुरुवार को गवर्नर पद की शपथ लेंगे।
कार्यभार संभालने के कुछ ही घंटे बाद राजन ने अपना एजेंडा पेश करके अपनी नई पारी की 'धुआंधार' शुरुआत भी कर दी। यह एजेंडा एक तरह से रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की मौद्रिक नीति जैसा है, जिसमें आम जनता को बेहतर बैंकिंग सुविधा पहुंचाने से लेकर रुपये में स्थिरता लाने तक के उपाय मौजूद हैं।
चुनौतियों से भिड़ने को तैयार
बेहद विपरीत व चुनौतीपूर्ण हालात में आरबीआइ गवर्नर बने राजन का संकेत साफ है कि उनकी वरीयता बाजार व निवेशकों में विश्वास बहाली करने की है। बाजार के जानकार पिछले कई दिनों यह सुझाव दे रहे थे कि सरकार व केंद्रीय बैंक को बाजार व निवेशकों में भरोसा कायम करने के लिए एक साथ तमाम उपायों की घोषणा करनी चाहिए। इन कदमों की घोषणा के लिए राजन ने 20 सितंबर को पेश होने वाली मध्य तिमाही मौद्रिक नीति समीक्षा का इंतजार भी नहीं किया। गुरुवार को शेयर बाजार व मुद्रा बाजार इसे किस तरह से लेते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा।
आम जनता तक पहुंचेगी बैंकिंग
बहरहाल, राजन ने आम जनता तक बैंकों की पहुंच तेजी से बढ़ाने के लिए कुछ नए उपायों की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह के मोबाइल फोन से बैंक खाते को संचालित करना संभव बनाया जाएगा। इसके लिए तकनीकी समिति का गठन होगा। महंगाई से आम निवेशकों को बचाने के लिए एक नया बचत प्रपत्र नवंबर, 2013 तक जारी होगा। नई भुगतान व्यवस्था भी जल्द लागू होगी जिससे स्कूल फीस, मेडिकल बिल्स या किसी दूसरे के बैंक खाते में राशि हस्तांतरित करना एकदम आसान हो जाएगा। निजी क्षेत्र में एटीएम और छोटे एटीएम लगाने का काम भी तेज होगा।
समितियों के गठन का एलान
राजन ने कुल चार समितियां गठित करने की घोषणा की। इसमें पूर्व आरबीआइ गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता में एक पैनल नई बैंकिंग लाइसेंस के आवेदनों पर विचार करेगा। नए बैंक लाइसेंस जनवरी, 2014 तक जारी होंगे। बैंकों में फंसे कर्जे की कमी और ऋण वसूली के तरीके में बदलाव के लिए डिप्टी गवर्नर केसी चक्रवर्ती की अध्यक्षता में अलग से एक समिति गठित की गई है। इसी तरह से रुपये में स्थिरता लाने के लिए कुछ उपायों का एलान किया गया है।
नए गवर्नर, नया एजेंडा-
1. भावी मौद्रिक नीति का फ्रेमवर्क बनाने के लिए समिति गठित
2. बिमल जालान की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी नई बैंकिंग लाइसेंस पर फैसला
3. जनवरी, 2014 तक जारी होंगे नए बैंकों के लाइसेंस
4. ज्यादा आबादी तक बैंकिंग सेवा पहुंचाने पर नई समिति का गठन
5. अस्थिर रुपये से बचने के लिए निर्यातकों व आयातकों को मिला कवच
6. बैंकों को डॉलर में जमा राशि का इस्तेमाल करने में छूट
7. छोटी व मझोली कंपनियों के लिए विशेष एक्सचेंज का गठन
8. एनपीए कम करने और फंसे कर्जे की वसूली को विशेष कदम
9. आम जनता के लिए महंगाई दर से संबंधित बचत प्रपत्र जारी होंगे
10. कहीं से भी किसी को भुगतान करना होगा संभव
11. हर तरह के मोबाइल हैंडसेट से संचालित होगा बैंक खाता
12. बैंकों को देश में कहीं भी शाखा खोलने की होगी अनुमति
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